पेड़ से टूटा एक पत्ता,
अंधड़ के बीच
कभी छूता आकाशी ऊंचाईयाँ,
तो कभी अचानक पाता
पाताली गहराईयाँ,
अंधड़ की दिशा ही
तय करती है उसकी स्थिति।
इसी तरह मनुष्य -
कभी पाता अपना लक्ष्य,
तो कभी भटक जाता अपना पथ,
सही मायने में परिस्थितियां
ही तय करती हैं-
मनु की स्थिति।
परिस्थितियां ही तो हैं
जो बनाती हैं
सबल मनु को,
देती हैं अनुभव और
सिखाती हैं कला-
जीवन जीने की।
-पुरु
Great ......
ReplyDeleteधन्यवाद बन्धु.... ।
Deletebht badiya bhai..laga reh!!!! :)
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए धन्यवाद बन्धु....|
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